Recent Posts

लहर का पता नहीं. अगर थी तो सब उसमें नहीं बहे

वरिष्ठ लेखकों-कवियों का धर्म केवल व्यास सम्मान, ज्ञानपीठ पुरस्कार हासिल करना भर नहीं होता है. उनका बड़ा काम समकालीन लेखकों को प्रेरणा देना भी होता है. आसन्न फासीवाद के खतरे की चुनौतियों का सामना अशोक वाजपेयी जिस तरह से अपनी कविताओं, अपने स्तम्भ, अपने वक्तव्यों के माध्यम से कर रहे …

Read More »

मृत्यु की प्रतीक्षा में जीवन

  अपने घर के आंगन में विनोद जमलोकी। आपके पीछे जो वनस्पतियां दिख रही हैं वहां भू-स्खलन से पहले एक बड़ा मकान था। उस रात इस मकान में रह रहे व्यक्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही लेकिन वे जीवित नहीं बच सके। ——————————————————————————————– पीयूष दईया मेरे प्रिय कवियों और संपादकों में …

Read More »

मई दिवस पर एक जर्मन कहानी हिंदी अनुवाद में

आज मई दिवस पर प्रस्तुत है कहानी ‘तृप्त मछुआरा’, जो जर्मन भाषा के नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक हाइनरिश ब्योल की है. आपके लिए मूल जर्मन से इसका अनुवाद किया है प्रतिभा उपाध्याय ने. सहज अनुवाद में एक सुन्दर कहानी- जानकी पुल. =================================== यूरोप के पश्चिमी तट के एक बंदरगाह पर मैले कुचेले …

Read More »