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सपनों की चाबी किसी ईश्वर के हाथ नहीं होती

कमल जीत चौधरी की कवितायें मैंने देर से पढ़ी। इसका अफसोस है की क्यों देर से पढ़ी। इनकी कवितायें पढ़ते हुए कई बार मुझे अंग्रेजी के महान कवि आगा शाहिद अली की कविताओं की याद आई। कमल की की कविताओं के घर, आँगन, चाँद सब हिन्दी कविता के परिसर में …

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ये दिये रात की जरूरत थे’ उपन्यास का एक अंश

सुपरिचित कथाशिल्पी कविता का दूसरा उपन्यास ‘ये दिये रात की जरूरत थे’बहुरूपिया कलाकारों के जीवन–संघर्ष और उनके सांस्कृतिक–ऐतिहासिक महत्व को केंद्र में रख  कर लिखा गया है। यह उपन्यास जहां एक तरफ लगभग लुप्त हो चुकी इस कला–परंपरा को इसकी सामाजिक–आर्थिक परिणतियों के साथ एक प्रभावशाली कथारूप में सहेजने का …

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प्रभात त्रिपाठी और गीतांजलि श्री को वैद सम्मान

चौथा और पाँचवाँ वैद सम्मान क्रमशः प्रभात त्रिपाठी और गीतांजलि श्री को दिये जाने की घोषणा हुई है। यह सम्मान हिन्दी के वरिष्ठ लेखक कृष्ण बलदेव वैद के नाम पर दिया जाता है। पिछले साल किन्हीं कारणों से यह सम्मान नहीं दिया जा सका था। इसलिए इस बार दो सालों …

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