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दुनिया को अपने नीले हरे से देखने का सुख भरा कौतुक

पिछले दिनों मैंने प्रत्यक्षा जी के अनुवाद में बुकोव्स्की की कवितायें पढ़ी। उनसे आग्रह किया कुछ चुनिन्दा कविताओं के अनुवाद का। उन्होने देशी-विदेशी कविताओं का अंग्रेजी से अनुवाद करके हमें भेजा है जानकी पुल के पाठकों के लिए। इनमें अरविंद कृष्ण महरोत्रा हैं, तो फ्रैंक ओ हारा भी। कविताओं का एक एक …

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ग़ैरपाठकों को भी पाठक बनाना मेरा उद्देश्य है- पंकज दुबे

‘बिहार-यूपी के किसी छोटे गाँव से सत्तू-अचार भरी पेटी लिए, अपने पिता से पाए गए आईएएस बनने के सपने के साथ अधिकतर लोग दिल्ली यूनिवर्सिटी पढ़ाई करने आते हैं। इनमें से बहुतों का एक निज़ी सपना होता है: एक दूधिया गोरी पंजाबी लड़की के साथ सोना।’ इसी प्लॉट पर लिखे …

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इक्कीस बंदूकों की सलामी के साथ सुचित्रा जी रुख़सत हो गयीं!

भारतीय सिनेमा की महान अदाकाराओं में एक सुचित्रा सेन का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनको श्रद्धांजलि देते हुए यह लेख लिखा है ‘अल्पाहारी गृहत्यागी’ उपन्यास के लेखक प्रचंड प्रवीर ने। महज एक हजार शब्दों में कितना बेहतरीन लिखा जा सकता है यह इस युवा लेखक के इस …

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