युवा कवि विमलेश त्रिपाठी अपनी जीवन यात्रा को दर्ज कर रहे हैं। गाँव के छूटे …
Read More »जब इंडिया गेट के माथे पर मोमबत्तियाँ जलती हैं
युवा कवि त्रिपुरारि कुमार शर्मा की ये कविताएँ हमें कुछ सोचने के लिए विवश कर देती हैं, हमारी मनुष्यता पर सवाल उठती हैं- जानकी पुल. ============================ 1. वाल ऑफ़ डेमोक्रेसी जब इंडिया गेट के माथे पर मोमबत्तियाँ जलती हैं तो उसकी सुगंध में सनक उठता है ‘जंतर-मंतर’ …
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