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एक गरिमामयी पुरस्कार की शुरुआत

शैलप्रिया स्मृति सम्मान एक दिसंबर 1994 को झारखंड की सुख्यात कवयित्री और स्त्री-संगठनों से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता शैलप्रिया का कैंसर की वजह से देहांत हो गया। तब वे 48 साल की थीं। उनके अपनों, और उनके साथ सक्रिय समानधर्मा मित्रों और परिचितों का एक विशाल परिवार है जो यह महसूस …

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कोफ़ी अवूनोर को श्रद्धांजलि स्वरुप उनकी एक लम्बी कविता हिंदी में

हाल में नैरोबी में हुए आतंकी हमले में घाना के कवि कोफ़ी अवूनोर भी मरने वालों में थे. उनकी एक लम्बी कविता का हिंदी अनुवाद किया है युवा कवि त्रिपुरारि कुमार शर्मा ने. जानकी पुल की तरफ से उस कवि को श्रद्धांजलि स्वरुप- जानकी पुल.================================ कोफी अवूनोर की कविता यह पृथ्वी, …

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दूर एक चोटी है हर रोज़ उसे मैं यूँ ही ताकती हूँ

आज युवा कवयित्री प्रकृति करगेती की कविताएँ. इनको पढ़ते हुए लगता है कि समकालीन कविता की संवेदना ही नहीं भाषा भी कुछ-कुछ बदल रही है-जानकी पुल. ========================================== कंकाल एक कंकाल लिए चल देते हैं हर ऑफिस में। कंकाल है रिज्यूमे का। हड्डियों के सफ़ेद पन्नों पे कुछ ख़ास दर्ज है …

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