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मृत्यु एक बड़ी चीज़ है लेकिन जीवन

आज शाम सात बजे दिल्ली के हैबिटेट सेंटर में ‘कवि के साथ’ कार्यक्रम में तीन कवियों को एक साथ सुनने का मौका है. कल हमने प्रियदर्शन की कविताएं पढ़ी थीं, आज पढ़िए वरिष्ठ कवि विमल कुमार और युवा कवि अच्युतानंद मिश्र की कविताएं एक साथ. शाम में मिलने के वादे …

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हर तरह की हत्या को ख़ारिज करती है मेरी कविता

समकालीन हिंदी कविता की एक मुश्किल यह है कि वह ‘पोलिटिकली करेक्ट’ होने के प्रयास में अधिक रहती है, लेकिन कुछ कवि ‘करेक्ट’ होने के लिए भी लिखते हैं, मनुष्यता के इतिहास में करेक्ट होने के लिए. छत्तीसगढ़ के सुकमा में हाल की हत्याओं के बाद प्रियदर्शन की यह कविता …

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जो कम्यूनिस्ट नहीं है, उसे कम्यूनिस्ट विरोधी होने का हक है

‘कथादेश’ के जून 2013 के अंक में प्रसिद्ध लेखिका-आलोचिका अर्चना वर्मा का लेख प्रकाशित हुआ है ‘असहमति और विवाद की संस्कृति’ शीर्षक से. पिछले दिनों फेसबुक पर कवि कमलेश के सी.आई.ए. के सम्बन्ध में दिए गए एक बयान के सन्दर्भ में एक महाबहस चली, इस लेख में अर्चना वर्मा ने सुविचारित ढंग …

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