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‘प्रतिलिपि’ ने किताबों के प्रकाशन के लिए वित्तीय मदद मांगी थी– अशोक वाजपेयी

श्री अशोक वाजपेयी का यह ईमेल हमें प्राप्त हुआ है जिसमें उन्होंने ‘प्रतिलिपि बुक्स’ को लेकर कुछ बातों को स्पष्ट किया है. प्रतिलिपि के निदेशक युवा कवि-कल्पनाशील संपादक गिरिराज किराडू हैं. यह लोकतांत्रिकता का तकाजा है कि हम वरिष्ठ कवि-आलोचक-संपादक अशोक वाजपेयी के उस ईमेल को अविकल रूप से सार्वजनिक …

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मृत्यु एक बड़ी चीज़ है लेकिन जीवन

आज शाम सात बजे दिल्ली के हैबिटेट सेंटर में ‘कवि के साथ’ कार्यक्रम में तीन कवियों को एक साथ सुनने का मौका है. कल हमने प्रियदर्शन की कविताएं पढ़ी थीं, आज पढ़िए वरिष्ठ कवि विमल कुमार और युवा कवि अच्युतानंद मिश्र की कविताएं एक साथ. शाम में मिलने के वादे …

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हर तरह की हत्या को ख़ारिज करती है मेरी कविता

समकालीन हिंदी कविता की एक मुश्किल यह है कि वह ‘पोलिटिकली करेक्ट’ होने के प्रयास में अधिक रहती है, लेकिन कुछ कवि ‘करेक्ट’ होने के लिए भी लिखते हैं, मनुष्यता के इतिहास में करेक्ट होने के लिए. छत्तीसगढ़ के सुकमा में हाल की हत्याओं के बाद प्रियदर्शन की यह कविता …

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