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पल्लवी प्रसाद के उपन्यास ‘सूर्यावर्त’ का एक अंश

आज पढ़िए लेखिका पल्लवी प्रसाद के नए उपन्यास ‘सूर्यावर्त’ का अंश- ================================   बासवप्पा ईश्वरप्पा राव रसूखदार आदमी हैं। उनका रसूख पीढ़ियों पुराना है । बासवप्पा के पिता ईश्वरप्पा ने अंग्रेजी राज और उसके साथ ही अपनी जागीर के जाने का मातम मनाने में, अपना समय व्यर्थ नहीं किया। बल्कि …

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श्यौराज सिंह ‘बेचैन’ की कविता

प्रसिद्ध लेखक-कवि श्यौराज सिंह बेचैन की कविताओं पर यह लम्बा लेख लिखा है युवा आलोचक सुरेश कुमार ने। आप भी पढ़ सकते हैं- ================================ प्रसिद्ध दलित साहित्यकार श्यौराज सिंह ‘बेचैन’ के रचना संसार को पढ़ना मेरे लिए दलित सभ्यता के विविध पड़ाव और जीवन की संघन यात्रा करने जैसा है। …

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कोई हयात ज़माने को है अज़ीज़ बहुत: फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की जीवनी

पंकज पराशर को पढ़ना हर बार कुछ सीखना होता है। इस बार उन्होंने बीसवीं सदी के संभवतः सबसे बड़े शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ पर लिखा है। कुछ समय पहले उनकी जीवनी का हिंदी अनुवाद प्रकाशित हुआ था। उसी बहाने यह सहेजने लायक लेख पढ़िए- ====================================== “इससे पहले कि इस आलेख …

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