कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »हिंदी के मगध में मौलिकता की कमी नहीं है
विकासशील समाज अध्ययन पीठ (सीएसडीएस) के भारतीय भाषा कार्यक्रम की तरफ से हिंदी में समाज-विज्ञान के क्षेत्र में मौलिक लेखन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘प्रतिमान’ नामक पत्रिका की शुरुआत की है, जिसके विद्वान संपादक हैं अभय कुमार दुबे. उनकी इस पहल का स्वागत करते हुए हम ‘प्रतिमान’ का …
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