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हिंदी के मगध में मौलिकता की कमी नहीं है

विकासशील समाज अध्ययन पीठ (सीएसडीएस) के भारतीय भाषा कार्यक्रम की तरफ से हिंदी में समाज-विज्ञान के क्षेत्र में मौलिक लेखन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘प्रतिमान’ नामक पत्रिका की शुरुआत की है, जिसके विद्वान संपादक हैं अभय कुमार दुबे. उनकी इस पहल का स्वागत करते हुए हम ‘प्रतिमान’ का …

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बायरन के शहर में हिंदी का सायरन

ब्रिटेन के शहर नॉटिंघम की संस्था ‘काव्यरंग’ द्वारा आयोजित ‘शब्दों का त्यौहार’ कार्यक्रम की जीवंत रपट प्रस्तुत कर रहे हैं. रिपोर्ट कथाकार तेजेन्द्र शर्मा ने लिखी है- जानकी पुल. =================================================== ‘काव्यरंग’ ब्रिटेन के शहर नॉटिंघम की अग्रणी संस्था है। हाल ही में इस संस्था ने नॉटिंघम की एशियन ऑर्ट्स काउंसिल के साथ …

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खेती-बाड़ी, कलम-स्याही और रेणु

आज हमारी भाषा के विलक्षण गद्यकार फणीश्वरनाथ रेणु का जन्मदिन है. उनको याद करते हुए यह आत्मीय गद्य लिखा है युवा लेखक गिरीन्द्रनाथ झा ने. आप भी पढ़िए और उस महान लेखक को याद कीजिये- जानकी पुल. ========  फणीश्वर नाथ रेणु …मेरे लिए यह नाम ही कथा है। ऐसी कथा, …

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