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पालतू आदमी कुछ भी हो सकता है लेखक नहीं!

28 अक्‍तूबर के जनसत्‍ता में अशोक वाजपेयी जी ने सार्वजनिक रूप से साहित्‍य निधि बनाने की घोषणा की है। वे नाम भी गिनाये हैं जो उनके साथ हैं। लेकिन सत्‍ता, प्रतिष्‍ठान, पीठ, पुरस्‍कार से इतर या शामिल ब‍हुसंख्‍यक लेखकों का ऐसे कुबेर कोष के प्रति क्‍या नजरिया है इस बहस …

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चार किस्से हेमंत शेष के

आज हेमंत शेष के किस्से- जानकी पुल. ==========================  आदिवासी सब आदिवासी घने जंगलों में पैदा होते और रहते हैं, एक-एक पेड़ पत्ती और कंदमूल पहचानते हैं, हाथ से बुना कपड़ा पहनते हैं, देवताओं को मानते हैं, ओझाओं का सम्मान करते हैं, कबीले की पंचायत का फैसला मानते हैं, बच्चे पैदा करना जानते हैं, जानवरों के नाम, उनकी आदतें, पक्षियों …

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आप किस मीडिया में नैतिकता की छानबीन कर रहे हैं हरिवंशजी ?

कल वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश का लेख आया था मीडिया की नैतिकता पर. युवा लेखक विनीत कुमार का यह लेख उसी लेख के कुछ सन्दर्भों को लेकर एक व्यापक बहस की मांग करता है- जानकी पुल. ==== ==== हरिवंशजी, आपके लेख “मीडिया को अपनी लक्ष्मण रेखा का एहसास नहीं” पर असहमति …

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