कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »पालतू आदमी कुछ भी हो सकता है लेखक नहीं!
28 अक्तूबर के जनसत्ता में अशोक वाजपेयी जी ने सार्वजनिक रूप से साहित्य निधि बनाने की घोषणा की है। वे नाम भी गिनाये हैं जो उनके साथ हैं। लेकिन सत्ता, प्रतिष्ठान, पीठ, पुरस्कार से इतर या शामिल बहुसंख्यक लेखकों का ऐसे कुबेर कोष के प्रति क्या नजरिया है इस बहस …
Read More »