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मीडिया धीरे-धीरे मनोरंजन बनेगा, कोरा मीडिया नहीं रह जाएगा।

आज सुबह-सुबह युवा और प्रखर मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार का यह लेख पढ़ा. साझा तो तभी करना चाहता था लेकिन साझा करते-करते रात हो गई. देखिये हमारा मीडिया कहां जा रहा है- जानकी पुल. ——————————————————————————————————  आदित्य बिड़ला समूह ने इंडिया टुडे, बिजनेस टुडे जैसी पत्रिकाएं प्रकाशित करने वाली कंपनी लिविंग मीडिया इंडिया …

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‘कथा’ पत्रिका का पुनर्प्रकाशन

‘कथा’ पत्रिका का नाम आते ही मार्कंडेय जी याद आते हैं. यह खुशी की बात है कि उनकी मृत्यु के बाद उस पत्रिका का प्रकाशन फिर शुरु हुआ है. संपादन कर रहे हैं युवा कथाकार अनुज. इसका नया अंक मीरांबाई पर एकाग्र है. प्रस्तुत है इस सुन्दर संयोजित अंक का …

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हिंदी के गौरव का सवाल गौरव सोलंकी के सवाल से कहीं ज़्यादा बड़ा है

ज्ञानपीठ-गौरव प्रकरण ने हिंदी के कुछ बुनियादी संकटों की ओर इशारा किया है. लेखक-प्रकाशक संबंध, लेखकों की गरिमा, पुरस्कार की महिमा को लेकर कई लेख लिखे गए. आज प्रसिद्ध कवि-लेखक-पत्रकार प्रियदर्शन का यह लेख इस पूरे प्रकरण को व्यापक परिदृश्य में देखे जाने का आग्रह करता है- जानकी पुल. ——————————————————————————- …

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