कवि-लेखक यतीश कुमार की किताब आई ‘बोरसी भर आँच: अतीत का सैरबीन’। संस्मरण विधा की …
Read More »जमाने की रफ्तार के उजाले पर काले सोने की डस्ट चढ़ गई है
शंभु यादव एक कुलवक़्ती कवि हैं, यह बात दुनिया में कितने लोग जानते होंगे? मुझे तो इस पर भी शक़ है कि वे खुद इस बात को जानते होंगे। इस बात को जानने के लिए भी कविता से बाहर आना और अपनी उस मसरूफि़यत को थोड़ी दूरी से देखना ज़रूरी …
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