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कौन तय करेगा कि कार्टून का अर्थ क्या हो?

हाल के कार्टून विवाद के बहाने  युवा इतिहासकार सदन झा का यह लेख. सदन ने आजादी से पहले के दौर के दृश्य प्रतीकों पर काम किया है, विशेषकर चरखा के प्रतीक पर किए गए उनके काम की बेहद सराहना भी हुई है. इस पूरे विवाद को देखने का एक अलग …

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गौरव सोलंकी की कहानी ‘ग्यारहवीं ए के लड़के’

यही वह कहानी है जिसके कारण भारतीय ज्ञानपीठ ने प्रसिद्ध युवा लेखक गौरव सोलंकी के कहानी संग्रह को प्रकाशित करने में टालमटोल किया, बरसों बाद राजकमल प्रकाशन ने जिसको प्रकाशित करने का साहस दिखाया. क्या यह एक अश्लील कहानी है? पढकर देखिये- क्या सचमुच यह एक अश्लील कहानी है- जानकी …

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अपने साहस से डिग मत जाना गौरव सोलंकी

आज मैंने तहलका.कॉम पर युवा लेखक गौरव सोलंकी का ‘पत्र’ पढ़ा. पढकर दिन भर सोचता रहा कि आखिर हिंदी के एक बड़े प्रकाशक ने, जिसने पिछले ७-८ सालों से हिंदी की युवा प्रतिभाओं को सामने लाने का प्रशंसनीय अभियान चला रखा है, युवा लेखकों की पहली पुस्तकों को न केवल …

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