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कला कलाकार की असल पूंजी है

अभिनेता बलराज साहनी हिन्दी सिनेमा की एक महान व अविस्मरणीय शख्सियत रहे हैं। 1 मई 1913 को पैदा हुए अभिनेता के जन्मशताब्दी वर्ष की शुरुआत आज से हो रही है. 1972 में दिल्ली प्रवास दौरान ‘जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय’ ने दीक्षांत सामारोह में उन्हें आमंत्रित किया था … इस अवसर पर बलराज साहनी ने एक …

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देखना होगा कि ऐसे कटघरे कहाँ-कहाँ हैं?

वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी के लेख पर पहले कवि-संपादक गिरिराज किराडू ने लिखा. अब उनके पक्ष-विपक्षों को लेकर कवि-कथाकार-सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार पांडे ने यह लेख लिखा है. इनका पक्ष इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि श्री मंगलेश डबराल अपनी ‘चूक’ संबंधी पत्र इनको ही भेजा था और फेसबुक पर …

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संतों घर में झगरा भारी!

कल हमने जनसत्ता संपादक ओम थानवी का लेख ‘आवाजाही के हक में‘ जनसत्ता से साभार लगाया था. फेसबुक और ब्लॉग्स पर गुंटर ग्रास की कविता, विष्णु खरे और मंगलेश डबराल को लेकर चली बहसों के सन्दर्भ में उस लेख में जो सवाल उठाये गए उसने उन बहसों को एक बात फिर बहसतलब …

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