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पौड़ी के पहाड़ प्यारे

सत्यानन्द निरूपम ऐसे संपादक हैं जो मुझसे कुछ भी लिखवा लेते हैं, अनुवाद करवा लेते हैं. अब सरिता के यात्रा विशेषांक के लिए लिखे गए इस यात्रा वृत्तान्त को ही लीजिए. मैं घूमता तो बरसों से रहा हूं, लेकिन कभी किसी यात्रा पर लिखा नहीं. पहली बात यात्रा-वृत्तान्त लिखा तो …

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क्या ये हिंदी की बेमिसाल प्रेम कहानियां हैं?

प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक हार्पर कॉलिंस ने जब हिंदी में पुस्तकों का प्रकाशन आरम्भ किया तो एक अनुवादक ढूंढा नीलाभ के रूप में और एक संपादक ढूंढा कथाकार कम संपादक अधिक अखिलेश के रूप में. सुनते हैं कि स्वभाव से ‘तद्भव’ संपादक को हार्पर कॉलिंस के सतत संपादक बनवाने में हिंदी …

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सांस जीती हैं देह को जैसे स्वरों में धडकता है संगीत

शास्त्रीय /उप शास्त्रीय संगीत के अंगों में जीवन रहस्य तलाशती वंदना शुक्ल की इन कविताओं की प्रकृति काफी अलग है. इनमें संगीत की आत्मा और मनुष्य के जीवन का संगीत साथ-साथ धड़कता सुनाई देता है. तुमुल कोलाहल कलह में- जानकी पुल.    ———————————————————- अलंकार (गंतव्य की ओर)-  सांस जीती हैं देह …

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