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भगत सिंह और रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ के नाम दो कविताएँ

  शहीदी दिवस पर विपिन चौधरी की कविताएँ- जानकी पुल. ————————————————————- १.शहीद–ए-आज़म के  नाम एक कविता उस वक़्त भी होंगे तुम्हारी बेचैन करवटों के बरक्स चैन से सोने वाले आज भी बिलों में कुलबुलाते हैं तुम्हारी जुनून मिजाज़ी  को “खून की गर्मी” कहने वाले तुमने भी तो दुनिया को बिना परखे …

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भगत सिंह! कुछ सिरफिरे-से लोग तुमको याद करते हैं

भगत सिंह की शहादत को प्रणाम के साथ कुछ कविताएँ युवा कवि त्रिपुरारि कुमार शर्मा की- जानकी पुल. ——————————– भगत सिंह के लिए भगत सिंह! कुछ सिरफिरे-से लोग तुमको याद करते हैं जिनकी सोच की शिराओं में तुम लहू बनकर बहते हो जिनकी साँसों की सफ़ेद सतह पर वक़्त-बेवक़्त तुम्हारे …

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क्या नाट्यशास्त्र आज भी प्रासंगिक है?

कवयित्री, नाट्यविद, संगीत-विदुषी वंदना शुक्ल हमेशा कला-साहित्य के अनछुए पहलुओं को लेकर बहुत गहराई से विश्लेषण करती हैं. जिसका बहुत अच्छा उदाहरण है यह लेख- जानकी पुल. —————————————————————————————————–  अभिनय का विस्तृत विवेचन करने वाला विश्व का सबसे प्रथम ग्रन्थ आचार्य भरत मुनि कृत ‘’नाट्य शास्त्र’’ है| भरतमुनि का नाट्यशास्त्र ऐसा ग्रन्थ …

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