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जन्‍म से मृत्‍यु तक कितने होते हैं जीवन में चुंबन

प्रेमचंद गांधी– जयपुर में 26 मार्च, 1967 को जन्‍म। एक कविता संग्रह ‘इस सिंफनी में’ और एक निबंध संग्रह ‘संस्‍कृति का समकाल’ प्रकाशित। समसामयिक और कला, संस्‍कृति के सवालों पर निरंतर लेखन। कई नियमित स्‍तंभ लिखे। सभी पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। कविता के लिए लक्ष्‍मण प्रसाद मण्‍डलोई और राजेंद्र बोहरा …

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भगत सिंह और रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ के नाम दो कविताएँ

  शहीदी दिवस पर विपिन चौधरी की कविताएँ- जानकी पुल. ————————————————————- १.शहीद–ए-आज़म के  नाम एक कविता उस वक़्त भी होंगे तुम्हारी बेचैन करवटों के बरक्स चैन से सोने वाले आज भी बिलों में कुलबुलाते हैं तुम्हारी जुनून मिजाज़ी  को “खून की गर्मी” कहने वाले तुमने भी तो दुनिया को बिना परखे …

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भगत सिंह! कुछ सिरफिरे-से लोग तुमको याद करते हैं

भगत सिंह की शहादत को प्रणाम के साथ कुछ कविताएँ युवा कवि त्रिपुरारि कुमार शर्मा की- जानकी पुल. ——————————– भगत सिंह के लिए भगत सिंह! कुछ सिरफिरे-से लोग तुमको याद करते हैं जिनकी सोच की शिराओं में तुम लहू बनकर बहते हो जिनकी साँसों की सफ़ेद सतह पर वक़्त-बेवक़्त तुम्हारे …

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