अनुकृति उपाध्याय हिंदी-अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखती हैं. उनका एक अंग्रेजी उपन्यास अगले साल प्रकाशित हो रहा है. एक अंतर्राष्ट्रीय वित्त संस्थान में काम करती हैं और उनकी कहानियों में समकालीन जीवन स्थितियों के कथानक हैं. इन दिनों सिंगापुर डायरी लिख रही हैं. यह उसकी दूसरी क़िस्त है- मॉडरेटर ========================================= …
Read More »सिंगापुर शहर कम है, उपभोक्तावाद का मंदिर है
यात्राओं का मौसम चल रहा है. कोई कहीं जा रहा है, कोई लौट रहा है. युवा लेखिका अनुकृति उपाध्याय की कहानियां हम पढ़ते रहे हैं. इस बार वह सिंगापुर डायरी के साथ आई हैं. सिंगापुर की कुछ छवियाँ उनके सम्मोहक गद्य में पढ़िए- मॉडरेटर =============== सिंगापुर – १ “हम सिंगापुर …
Read More »सबसे बड़ा जोखिम है मान लेना कि थोड़ी से हँसी की क़ीमत हैं
आज कुछ कविताएँ अनुकृति उपाध्याय की. अनुकृति एक अंतरराष्ट्रीय वित्त कम्पनी में काम करती हैं. मुंबई-सिंगापुर में रहती हैं. हिंदी में कहानियां और कविताएँ लिखती हैं. इनकी एक कहानी जानकी पुल पर आ चुकी है- जानकी और चमगादड़. जिसको कहने के अलग अंदाज के कारण काफी सराहा गया था. इनकी …
Read More »अनुकृति उपाध्याय की कहानी ‘जानकी और चमगादड़’
अनुकृति उपाध्याय एक प्रतिष्ठित वित्त संस्थान में काम करती हैं. हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखती हैं. यह कहानी बड़ी संवेदनशील लगी. बेहद अच्छी और अलग तरह के विषय पर लिखी गई. आप भी पढ़कर राय दीजियेगा- मॉडरेटर ========================================== पीपल का वह वृक्ष उस रिहायशी इमारत के विस्तृत प्रांगण …
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