Home / Tag Archives: स्मिता सिन्हा

Tag Archives: स्मिता सिन्हा

‘बाली उमर’ के लेखक भगवंत अनमोल से स्मिता सिन्हा की बातचीत

युवा लेखक भगवंत अनमोल अपनी नयी किताब ‘ बाली उमर ‘ को लेकर इन दिनों खासे चर्चे में बने हुए हैं । हालांकि किताब का शीर्षक स्वतः स्पष्टीकरण दे रहा है कि लेखक ने बच्चों के जीवन से कुछ लम्हों को उठाकर एक रोमांचक सा कोलाज़ तैयार किया है । …

Read More »

जीवन जिसमें राग भी है और विराग भी, हर्ष और विषाद भी, आरोह और अवरोह भी

अनुकृति उपाध्याय के कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ को जिसने भी पढ़ा उसी ने उसको अलग पाया, उनकी कहानियों में एक ताज़गी पाई। कवयित्री स्मिता सिन्हा की यह समीक्षा पढ़िए- मॉडरेटर ================ कुछ कहानियां अपने कहे से कहीं कुछ ज़्यादा कह जाती हैं । कुछ कहानियां जो निचोड़ ले जाती हैं …

Read More »

‘जहाँ नहीं गया’ की कविताओं में समकालीनता और भविष्य

कवि अमृत रंजन के कविता संग्रह ‘जहाँ नहीं गया’ की समीक्षा लिखी है सुपरिचित कवयित्री स्मिता सिन्हा ने- मॉडरेटर ============== आसमान के सात रंग मेरी ही करतूत हैं । जी हाँ ! अचम्भित ? यह वही सात दुपट्टे हैं , जो हर दिन हवा में फेंका करता था । मुझे …

Read More »

कोलकाता में आयोजित ‘लिटरेरिया -2018’ की एक रपट

कोलकाता में आयोजित होने वाले साहित्यिक आयोजन लिटरेरिया का यह दूसरा साल था. इस साल भी लेखकों-पाठकों की अच्छी भागीदारी रही. इस आयोजन से भाग लेकर लौटी कवयित्री स्मिता सिन्हा ने इस आयोजन पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखी है. मॉडरेटर ========================================= कोलकाता देश भर के साहित्यिक व सांस्कृतिक जगत के …

Read More »

न माला न मंतर न पूजा न सजदा  तुझे हर घड़ी सोचना भी इबादत

रचना भोला यामिनी के लव नोट्स की किताब ‘मन के मंजीरे’ इस साल के आरम्भ में राजपाल एंड संज से आई थी. अपने ढंग की अलग सी शैली की इस रूहानी किताब की समीक्षा लिखी है कवयित्री स्मिता सिन्हा ने- मॉडरेटर ===================== तेरे पास में बैठना भी इबादत तुझे दूर …

Read More »

मुल्क तो बंटा, लोग भी बंट गये। वो एक लोग थे। अब दो लोग हो गये। 

गुलजार साहब ने उर्दू में एक उपन्यास लिखा. पहले वह अंग्रेजी में प्रकाशित हुआ ‘टू’ नाम से. कुछ महीने बाद हिंदी में ‘दो लोग’ नाम से प्रकाशित हुआ. उर्दू में अभी तक प्रकाशित हुआ है या नहीं, पता नहीं. इसे पढ़ते हुए एक किस्सा याद आ गया. एक बड़े लेखक(जो …

Read More »

‘ देह ही देश ‘ स्त्री यातना का लोमहर्षक दस्तावेज़ है

गरिमा श्रीवास्तव की किताब ‘देह ही देश’ पर यह टिप्पणी कवयित्री स्मिता सिन्हा ने लिखी है. यह किताब राजपाल एंड संज से प्रकाशित है- मॉडरेटर ================ कुछ किताबें अप्रत्याशित रुप से आपको उन यात्राओं पर ले चलती है जहां यातनायें हैं , हत्यायें हैं , क्रूरता है ,सिहरन है ,  …

Read More »

हॉर्स तो बहुत होते हैं लेकिन विजेता कहलाता है ‘डार्क हॉर्स’

‘नीलोत्पल मृणाल के उपन्यास का शीर्षक ‘डार्क हॉर्स’ प्रोफेटिक साबित हुआ। ऐसे समय में जब हर महीने युवा लेखन के नए नए पोस्टर बॉय अवतरित हो रहे हों नीलोत्पल सबसे टिकाऊ पोस्टर बॉय हैं। वह स्वयं डार्क हॉर्स साबित हुए हैं। यह उनके लेखन की ताकत ही है कि ‘डार्क …

Read More »

उलझे जीवन की सुलझी कहानी ‘ज़िन्दगी 50-50’

भगवंत अनमोल का उपन्यास ‘ज़िंदगी 50-50’ इस साल का सरप्राइज़ उपन्यास बनता जा रहा है। हर तरह के पाठकों में अपनी जगह बनाता जा रहा है। इसका पहला संस्करण समाप्त हो गया है। आज इस उपन्यास की समीक्षा लिखी है कवयित्री स्मिता सिन्हा ने- मॉडरेटर ======================== एक ही समाज में …

Read More »

कई जोड़ी आँखों के सपने और एक ‘सीक्रेट सुपरस्टार’

‘सीक्रेट सुपरस्टार’ फिल्म पर कवयित्री स्मिता सिन्हा की एक अच्छी टिप्पणी- मॉडरेटर ======================================== ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ कहानी है सपनों के बनने की । एक ऐसा साझा सपना , जिसे एक साथ एक ही वक़्त में कई जोड़ी आंखें देखती हैं । यह कहानी है एक बेख़ौफ़ ज़िद की । एक ज़िद …

Read More »