मौलाना अल्ताफ हुसैन ‘हाली’ की किताब ‘यादगारे ग़ालिब’ को ग़ालिब के जीवन और उनकी कविता पर लिखी गई आरंभिक किताब में शुमार की जाती है। हाली ने १८५४ से १८६९ तक यानी उनके जीवन के आखिरी दौर तक को बहुत करीब से देखा था. इसी कारण ‘यादगारे ग़ालिब’ को महत्वपूर्ण किताबों में शुमार किया …
Read More »ग़ालिब की फ़ारसी कविताओं में बनारस
रजा पुस्तकमाला हिंदी में एक जरूरी हस्तक्षेप की तरह लगता है. कुछ बेस्ट किताबों को प्रकाशित करवाने की दिशा में एक आवश्यक पहल. आज मैं ध्यान दिलाना चाहता हूँ मिर्ज़ा ग़ालिब की बनारस केन्द्रित कविताओं की किताब ‘चिराग-ए-दैर’ की तरफ. मेरे जैसे पाठकों को भी यह तो पता था कि …
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