हिंदी कविताओं में कितने प्रयोग हो रहे हैं, उनकी भाषा को लेकर कितना काम हो रह है यह पत्र-पत्रिकाओं को पढने से पता नहीं चल पाता. उनमें कविता के बने-बनाए सांचे होते हैं बस कवियों के नाम बदल जाते हैं. आज अनामिका शर्मा की कवितायेँ. न, मैं यह नहीं कह …
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