आज बैठे बैठे अज्ञेय के उपन्यास ‘अपने अपने अजनबी’ की याद आई। उपन्यास के केंद्र में मृत्यु का भय है। किस तरह मृत्यु को सामने पाकर कैसे प्रियजन भी अजनबी हो जाते हैं और अजनबी पहचाने हुए। मृत्यु से ज़्यादा डर मृत्यु के भय का होता है।सेल्मा कैंसर से पीड़ित …
Read More »