कभी कभी सोचता हूँ हिंदी की मुख्यधारा से सार्थक लेखन करने वाले बहुत सारे लेखक कैसे काट दिए जाते हैं. बिहार के लेखकों को लेकर हिंदी की मुख्यधारा कुछ अधिक ही निर्मम रही है. मुझे नामवर सिंह का वह भाषण आज टीस देता है जिसमें उन्होंने कहा था कि रेणु …
Read More »‘तुगलक’ से रंगमंच को क्या मिला?
भानु भारती के निर्देशन में गिरीश कर्नाड के नाटक ‘तुगलक’ का भव्य मंचन दिल्ली के फिरोजशाह कोटला के खंडहरों में हुआ. इस नाटक की प्रस्तुति को लेकर बहुत अच्छी समीक्षा लिखी है अमितेश कुमार ने- जानकी पुल. ================================ “निर्देशक का यह मूलभूत कर्तव्य है कि वह नाटक के अर्थ को …
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