सुरेन्द्र मोहन पाठक ने अपनी आत्मकथा के दूसरे खंड ‘हम नहीं चंगे बुरा न कोय’ में अमृता प्रीतम से मुलाक़ात का ज़िक्र किया। आत्मकथा के पहले खंड में उन्होंने इंद्रजीत यानी इमरोज़ के बारे में लिखा था, दूसरे खंड में भी उन्होंने लिखा है कि एक कलाकार के रूप में …
Read More »अमृता प्रीतम, गुलज़ार और ‘पिंजर’ का किस्सा
आज अमृता प्रीतम के जन्मदिवस पर हिंदुस्तान टाइम्स में गुलज़ार साहब का यह संस्मरण छपा है जो पंजाबी लेखिका निरुपमा दत्त से बातचीत पर आधारित है। मैंने झटपट अनुवाद किया है। पढ़िएगा। दिलचस्प है- प्रभात रंजन =========================================================== मैंने पहली बार अमृता प्रीतम की प्रसिद्ध कविता ‘अज्ज अक्खा वारिस शाह नू’ …
Read More »