गुजराती की वरिष्ठ लेखिका कुंदनिका कपाड़िया की कहानी का अनुवाद किया है प्रतिमा दवे ने- मॉडरेटर ============================ खिड़की से उन्होंने आकाश की तरफ नज़र फेरी। पलंग उन्होंने इस तरह रखवाया था कि जिससे आँगन में लगे नीम के पेड़ को अच्छी तरह से देखा जा सके। कई बार नीम की …
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