आज पोर्तगीज भाषा की एक कहानी पढ़िए जिसे लिखा है ब्राज़ील के युवा लेखक दुइलियू गोम्स ने। अनुवाद किया है प्रोफ़ेसर गरिमा श्रीवास्तव ने- ====================== आदमी ने हाथ के इशारे से टैक्सी को रोका– ‘बस स्टैंड चलो’ बात करते-करते वह टैक्सी की पिछली सीट पर पीठ टिकाकर आराम से बैठ …
Read More »समानता का नया यूटोपिया रचती है देह ही देश- अनामिका
कल दोपहर दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कॉलेज में गरिमा श्रीवास्तव की पुस्तक ‘देह ही देश’ पर परिचर्चा का आयोजन हुआ. जिसकी रपट डॉ. रचना सिंह की कलम से- मॉडरेटर ============================================== दिल्ली। ”देह ही देश” केवल यूरोप की स्त्री का संसार नहीं है बल्कि दर्द और संघर्ष का यह आख्यान अपनी …
Read More »‘ देह ही देश ‘ स्त्री यातना का लोमहर्षक दस्तावेज़ है
गरिमा श्रीवास्तव की किताब ‘देह ही देश’ पर यह टिप्पणी कवयित्री स्मिता सिन्हा ने लिखी है. यह किताब राजपाल एंड संज से प्रकाशित है- मॉडरेटर ================ कुछ किताबें अप्रत्याशित रुप से आपको उन यात्राओं पर ले चलती है जहां यातनायें हैं , हत्यायें हैं , क्रूरता है ,सिहरन है , …
Read More »‘बनमाली गो तुमि पर जनमे होइयो राधा’
गरिमा श्रीवास्तव प्रोफ़ेसर हैं और बहुत अच्छी लेखिका हैं. यह उनके इस यात्रा वृत्तान्त को पढ़ते हुए अहसास होता है. क्रोएशिया का यह यात्रा वृत्तान्त रचनात्मक गद्य का एक शानदार नमूना है. पढियेगा- मॉडरेटर ========== दिल्ली से मास्को की हवाई यात्रा बहुत सुखद नहीं रही है, शेरमेट हवाई अड्डे पर …
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