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Tag Archives: गुलजार

जाना गुलज़ार अंजाना गुलज़ार

गुलज़ार साहब के गीतों की एक दिलचस्प रीडिंग की है सैयद एस. तौहीद ने- मॉडरेटर ================================================ आप गुलज़ार के दीवाने पता नहीं इसे कैसे लेंगे।लेकिन मेरी माने गुलज़ार साहेब को खुद को रिपीट करने से परहेज़ नहीं करते। लेकिन यह दक्ष काम गुलज़ार  समान लेखक ही कर सकते हैं। वो …

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अमृता प्रीतम, गुलज़ार और ‘पिंजर’ का किस्सा

आज अमृता प्रीतम के जन्मदिवस पर हिंदुस्तान टाइम्स में गुलज़ार साहब का यह संस्मरण छपा है जो पंजाबी लेखिका निरुपमा दत्त से बातचीत पर आधारित है। मैंने झटपट अनुवाद किया है। पढ़िएगा। दिलचस्प है-  प्रभात रंजन =========================================================== मैंने पहली बार अमृता प्रीतम की प्रसिद्ध कविता ‘अज्ज अक्खा वारिस शाह नू’ …

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मुल्क तो बंटा, लोग भी बंट गये। वो एक लोग थे। अब दो लोग हो गये। 

गुलजार साहब ने उर्दू में एक उपन्यास लिखा. पहले वह अंग्रेजी में प्रकाशित हुआ ‘टू’ नाम से. कुछ महीने बाद हिंदी में ‘दो लोग’ नाम से प्रकाशित हुआ. उर्दू में अभी तक प्रकाशित हुआ है या नहीं, पता नहीं. इसे पढ़ते हुए एक किस्सा याद आ गया. एक बड़े लेखक(जो …

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गुलजार साहब की ‘पाजी नज्में’

दिन भर हिंदी उर्दू की बहस देखता रहा, लेकिन शाम हुई तो गुलजार साहब याद आ गए. उनकी नज्मों की किताब आई है राजकमल प्रकाशन से ‘पाजी नज्में’. उसी संकलन से कुछ नज्में- मॉडरेटर ========================================== 1. ऐसा कोई शख़्स नज़र आ जाए जब… ऐसा कोई शख़्स नज़र आ जाए जब …

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गुलजार की पहुँच हर पीढ़ी, हर दिल तक है!

गुलजार शायद ऐसे अकेले लेखक-कलाकार हैं जिनसे हर उम्र, हर सोच के लोग गहरे मुतास्सिर हैं. जीते जी वे एक ऐसे मिथक में बदल गए हैं सब जिनके मानी अपन अपने ढंग से समझना चाहते हैं. यकीन न हो तो इस युवा लेखक अंजुम शर्मा का लेख पढ़ लीजिये और …

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