आज पढ़िए गौरव अदीब की नज़्में – मॉडरेटर ======================================================= 1. सुनो अमृता, हो सकता है कल बहुत सारे सवालों को टाल जाऊं मैं दरअसल सवाल बेचैन कर देते हैं मुझे क्योंकि मैं सवालों से ही तो घिरा रहता हूँ हर वक़्त क्या कुछ सवालों को सवाल नही रहने …
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