किसी के विरोध में खड़े हो जाना अत्यंत सरल है. बहुत संभव है कि बड़े से बड़ा व्यक्ति भी किसी बिंदु पर आकर स्वार्थ के वशीभूत होकर गलत निर्णय ले परन्तु एक व्यक्ति के तौर पर उसकी अच्छाइयों की अवहेलना नहीं की जा सकती. भीष्म साहनी ने अपनी आत्मकथा ‘आज …
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