पंखुरी सिन्हा की कहानियों ने इक्कीसवीं शताब्दी के पहले दशक में आलोचकों-पाठकों सभी को प्रभावित किया था। वह कविताएँ भी लिखती हैं, हिंदी अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखती हैं और प्रकाशित हैं। यह उनकी नई कहानी है। समकालीन जीवन संवेदनाओं से लबरेज़। आप भी पढ़कर अपनी राय दें- =====================जब तक …
Read More »पंखुरी सिन्हा की नई कविताएँ
पंखुरी सिन्हा एक अच्छी कथाकार रही हैं। हाल के दिनों में उन्होंने कविताएँ लिखी हैं। हर पत्र पत्रिका में उनकी कविताएँ छपती रही हैं। ये कविताएँ उनके सद्य प्रकाशित कविता संग्रह ‘प्रत्यंचा’ से ली गई हैं- मॉडरेटर ==================== मेरे हर रिश्ते में मेरे हर रिश्ते में क्यों बचपन …
Read More »पंखुरी सिन्हा की कुछ कविताएँ
पंखुरी सिन्हा की कुछ कविताएँ और उनके ऊपर राकेश धर द्विवेदी की टिप्पणी- मॉडरेटर ============================================ पुश्तैनी संपत्ति का हिसाब इतना राजनैतिक हो रहा था मूल्यों के ह्रास पर लिखना व्यक्तिगत और सामाजिक की सरहद खींचना लोग जाने किन नैतिकताओं की सीढ़ियाँ लिए आपकी, मेरी, हर किसी की ज़िन्दगी में आ …
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