पद्मावत फिल्म को अपने विरोध-समर्थन, व्याख्याओं-दुर्व्यख्याओं के लिए भी याद किया जायेगा. इस फिल्म पर एक नई टिप्पणी लिखी है युवा लेखिका अणुशक्ति सिंह ने- मॉडरेटर ======================= पद्मावत- एक महाकाव्य – जिसे पंद्रहवीं/सोलहवीं सदी के घुम्मकड़ कवि मलिक मुहम्मद जायसी के कवित्त ह्रदय ने रचा था. यह दिल्ली सल्तनत और …
Read More »फिल्म में लड़ाई पद्मावती के लिए नहीं बल्कि पद्मावती से है
इसमें कोई शक नहीं कि हाल के दिनों में सबसे अधिक व्याख्या-कुव्याख्या संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ को लेकर हुई. बहरहाल, यह एक व्यावसायिक सिनेमा ही है और मनोरंजक भी है. इस फिल्म पर जेएनयू में कोरियन भाषा की शोधार्थी कुमारी रोहिणी की समीक्षा- मॉडरेटर ============================= बात तो सच …
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