शर्मिला बोहरा जालान जो भी लिखती हैं उसको एक ठोस वैचारिक जमीन देने की कोशिश करती हैं. यह समकालीन लेखिकाओं में विरल तत्त्व है जो उनके लेखन में प्रबल है. बहरहाल, फिल्म ‘पिंक’ देखने के बाद और उसके हो-हल्ले के थम जाने के बाद उन्होंने उससे उठने वाले कुछ सवालों …
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