भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाटकों और उनके मंचन के प्रभाव को लेकर 19वीं शताब्दी के प्रसिद्ध लेखक गोपाल राम गहमरी ने एक संस्मरण लिखा था. वे उन दिनों बलिया में छात्र थे और उन्होंने भारतेंदु को खुद नाटक में अभिनय करते देखा था. यह दुर्लभ लेख पढने को मिला ‘बहुवचन’ के …
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