भावना शेखर हिंदी कविता में पटना की आवाज हैं. केंद्र में परिधि की आवाज. कविता के उन मुहावरों से मुक्त जिनके जैसा लिखने को ही कविता मानने की जिद दशकों तक हिंदी के आलोचकों ने ठान रखी थी. हिंदी कविता में अब बड़े-बड़े विचारों की जगह छोटे-छोटी चिंताएं सामें आ …
Read More »