नवरात्र के दौरान बांगला समाज के जीवन, उनकी संस्कृति और एक स्त्री के निजी जीवन की त्रासदी को लेकर बांगला भाषा की नई दौर की चर्चित लेखिका मंदाक्रान्ता सेन का उपन्यास है ‘अंधी छलांग’. आज महानवमी है. आज इस उपन्यास पर लिखा यह लेख. लिखा है हिंदी लेखिका शर्मिला बोहरा …
Read More »बांग्ला कवयित्री मंदाक्रांता सेन की कविताएँ
आज मंदाक्रांता सेन की कविताएँ. समकालीन बांगला साहित्य में मंदाक्रांता सेन का नाम जाना-माना है. उनको आनंद पुरस्कार भी मिल चुका है. उन्होंने साहित्य अकादेमी का युवा पुरस्कार लौटा दिया था. उनका एक उपन्यास ‘झपताल’ हिंदी अनुवाद में उपलब्ध भी है. हम आभारी हैं उत्पल बैनर्जी के कि उन्होंने उनकी …
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