कथाकार मनोज कुमार पाण्डे बहुत तार्किक ढंग से वैचारिक लेख लिखते हैं. आज़ादी को याद करने के मौसम में उनका यह लेख पढियेगा- मॉडरेटर ============================== आज के लगभग सत्तर साल पहले हमें वह आजादी मिली जिसे आज हम पाठ्य पुस्तकों में आजादी के नाम से पढ़ते जानते हैं। तब से …
Read More »मनोज कुमार पांडेय की कहानी ‘घंटा’
मनोज कुमार पांडेय अपनी पीढ़ी के मेरे कुछ प्रिय कथाकारों में हैं. उनकी यह नई कहानी “घंटा’ आई है ‘पल-प्रतिपल’ पत्रिका. पत्रिका तो कहीं मिलती नहीं है सोचा यह कहानी ही पढ़ी पढ़ाई जाए- प्रभात रंजन ============================================================ जैसा कि कहने का चलन है, इस कहानी की समूची कथा स्थितियाँ और …
Read More »कटुता के माहौल में कुछ प्रेम कविताएं
माहौल में कटुता बढ़ जाए तो मैं कविताएं पढता हूँ. अच्छी कविताएं पढने को मिल जाएँ दिल को बड़ा सुकून मिलता है. आज कुछ प्रेम कविताएं युवा कथाकार मनोज कुमार पाण्डे जो जानकी पुल की तरफ से जनरल साहब को समर्पित हैं- मॉडरेटर================= तेरी महक तेरी महक जो उड़ती है …
Read More »कुँवर नारायण की कहनियों में धंसते हुए
युवा लेखक मनोज कुमार पाण्डेय ने यह लेख लिखा है हिंदी के वरिष्ठ कवि-कथाकार कुंवर नारायण की कहानियों को पढ़ते हुए- मॉडरेटर ===================== कुँवर नारायण अपनी कहानियों की इकलौती किताब ‘आकारों के आसपास’ की भूमिका में लिखते हैं कि, ‘कहानी कहते समय मैं पाठक को यह यकीन दिलाने की कोशिश …
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