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Tag Archives: मनोज कुमार

बंदे में दम था इतना तो उसके विरोधी भी मानते हैं!

आज अपने विद्वान साथी मनोज कुमार की फेसबुक वाल से पता चला कि कार्ल मार्क्स का जन्मदिन है. उन्होंने बहुत मानीखेज ढंग से मार्क्स पर यह छोटी सी टिपण्णी भी लिखी है. आपके लिए- प्रभात रंजन ========================================== आज कार्ल मार्क्स का जन्मदिन है | उन्नीसवीं शताब्दी के दूसरे दशक (1818 …

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‘हमारे प्यार से इस शहर को कभी जुदा मत करना’

मेरे जानते यह रवीश कुमार की लिखी किताब ‘इश्क में शहर होना’ की सबसे अच्छी समीक्षा है. जब कोई विद्वान् किसी कृति को देखता है तो उसका पाठ उसे कलाकृति में बदल देता है. शिक्षाविद मनोज कुमार ने यही किया है. जरूर पढ़िए और अपनी राय दीजिए- मॉडरेटर  =================================================== इश्क …

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बच्चों के लिए लिखना रचनात्मक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण कार्य है।

इस बार विश्व पुस्तक मेला का थीम बाल साहित्य है। लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि हम हिन्दी वाले बाल साहित्य को गंभीरता से नहीं लेते। अभी कल जब मैंने शिक्षाविद मनोज कुमार का बाल साहित्य लेखन पर यह लेख पढ़ा तो मन में यह संकल्प लिया कि बाल साहित्य लिखने …

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