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Tag Archives: रणेन्द्र

‘गायब होता देश’ पर मैत्रेयी पुष्पा की टिप्पणी

 अपने पहले उपन्यास ग्लोबल गांव के देवता के चर्चित और बहुप्रशंसित होने के बाद रणेन्द्र अपने दूसरे उपन्यास गायब होता देश के साथ पाठकों के रूबरू हैं. पेंगुइन बुक्स से प्रकाशित यह हिंदी उपन्यास अनेक ज्वलंत मुद्दों को अपने में समेटता है मसलन आदिवासी जमीन की लूट, मीडिया का घुटना …

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