वरिष्ठ कथाकार राजेंद्र राव के कहानी संग्रह ‘कोयला भई न राख’ पर कवि यतीश कुमार के कुछ नोट्स अपने आपमें कहानियों की रीडिंग भी और एक मुकम्मल कविता भी। उनके अपने ही अन्दाज़ में- मॉडरेटर ======================== कहानियाँ मुसलसल चलती हैं मुकम्मल होना इनका कभी भी तय नहीं था। ये कवितायें …
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