दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसियेट प्रोफ़ेसर लाल जी का यह लेख फ़िल्मी गीतों के बहाने एक दिलचस्प आकलन करता है- मॉडरेटर ========== सार्थक कृतियां अपने भीतर अपने समय का इतिहास समेटे रहती हैं। चाहे वह गीत हो या संगीत, चित्रकला हो या स्थापत्य कला या फिर साहित्य। ऐतिहासिक अन्तर्वस्तु उसमें विद्यमान …
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