कल विश्व डाक दिवस था. मुकुल कुमारी अमलास ने उसी बहाने संवदिया पर यह लेख लिखा है- मॉडरेटर ====================================================== कल फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी संवदिया पढ़ रही थी। पढ़ कर आँखों में आँसू आ गये और मैं उनके सामने नतमस्तक हो गई। रेणु जी के बारे में …
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