सिनेमा पर लिखता नहीं हूँ लेकिन रिव्यू पढ़कर सिनेमा देखता जरूर हूँ. ‘रंगून’ देखने के बाद यह महसूस हुआ कि रिव्यू पढ़कर कई बार सिनेमा देखने पर यह बुझाता है कि जो लिखा गया था वह तो फिल्म में है ही नहीं. ‘इन्डियन एक्सप्रेस’ समेत सभी बड़े अखबारों ने फिल्म की बड़ी …
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