आज युवा शायर सीरीज में पेश है सौरभ शेखर की ग़ज़लें – त्रिपुरारि ====================================================== ग़ज़ल-1 भई देखो इस बात में कोई दो मत नईं प्यार छुपाया जा सकता है, नफ़रत नईं सच सुनने की हरगिज़ उसकी हसरत नईं और तकल्लुफ़ करना अपनी आदत नईं यार कमाया है हमको तो ख़र्च करो …
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