स्वप्नपाश का एक अंश हाल में ही मनीषा कुलश्रेष्ठ का उपन्यास आया है ‘स्वप्नपाश’. मनीषा हर बार एक नया विषय उठाती हैं, नए अंदाज़ में लिखती हैं. ये उपन्यास भी उसका उदाहरण है. बहरहाल, उपन्यास मैंने अभी तक पढ़ा नहीं है. पढने के बाद लिखूंगा उसके ऊपर. फिलहाल इस अंश …
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