कल लोकसभा चुनावों के अभूतपूर्व परिणाम, जीत-हार का बहुत अच्छा विश्लेषण किया है युवा लेखक पंकज कौरव ने। हमेशा की तरह पंकज का एक गम्भीर, चिंतनपरक और बहसतलब लेख- मॉडरेटर ============ जनादेश आखिर जनादेश होता है। हां कभी-कभी वह भावावेश में भी आता है लेकिन बावजूद इसके अगर दोहराया जाता …
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