होली का पर्व अलग अलग रंगों के एक हो जाने का पर्व है. इसे पहले धर्म से जोर कर नहीं देखा जाता था. प्रसिद्ध लेखक अब्दुल बिस्मिल्लाह के इस लेख से यही पता चलता है- मॉडरेटर =========================== बनारस की होली का हाल सुनिए, यहाँ, यानी दिल्ली में तो रंग खेलने …
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