‘दर्रा दर्रा हिमालय’ वाले डॉक्टर-लेखक अजय सोडानी ने नोटबंदी के दौर में यह स्मरण कथा लिखी है- मॉडरेटर =========================================== माँ तू झूठी थी जैसे-जैसे सर पर चाँदी बढ़ती है और खुपड़िया पर पूर्णिमा का चाँद उभरने लगता है, बरसों से शान्त भीतर का बच्चा अपने अनुत्तरित …
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