आज पढ़िए युवा शायर आलोक मिश्रा की कुछ ग़ज़लें- त्रिपुरारी =============================== 1 तुम्हारे साये से उकता गया हूँ मैं अपनी धूप वापस चाहता हूँ कहो कुछ तो ज़ुबाँ से बात क्या है मैं क्या फिर सेे अकेला हो गया हूँ मगर ये सब मुझे कहना नहीं था न जाने क्यों …
Read More »युवा शायर #3 आलोक मिश्रा की ग़ज़लें
युवा शायर सीरीज में आज पेश है आलोक मिश्रा की ग़ज़लें – त्रिपुरारि 1- लबालब दुःख से था क़िस्सा हमारा मगर छलका नहीं दरिया हमारा असर उस पर तो कब होना था लेकिन तमाशा बन गया रोना हमारा मगर आने से पहले सोच लो तुम बहुत वीरान है रस्ता हमारा …
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