हाल में ही युवा लेखक अमित गुप्ता का उपन्यास आया है ‘देहरी पर ठिठकी धूप’। राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित इस उपन्यास में लेखक ने बहुत साहसिक विषय पर संवेदनशील तरीके से लिखा है। आज उसका एक अंश पढ़िए- ========================= धूप निकल आई थी। मोनेस्ट्री के गेट के बाहर पिछली रात …
Read More »अमित गुप्ता का व्यंग्य ‘दाढ़ी क्यों बढ़ा रहे हो?’
आज पढ़िए युवा लेखक-कवि अमित गुप्ता का व्यंग्य, जो बढ़ती महंगाई पर है- ======================================== घड़ी के अलार्म ने सुबह-सुबह ऐसा हल्ला मचाया कि जैसे वो मेज से अभी-अभी उछलकर अपनी छूटती हुई ट्रेन को पकड़ने के लिए दौड़ पड़ेगा। माधव भकुआया हुआ उठा और जैसे-तैसे कर अलार्म बंद किया, सोचा …
Read More »युवा लेखक अमित गुप्ता की कहानी ‘अमावस’
कल पूर्णिमा थी। आज युवा लेखक अमित गुप्ता की कहानी अमावस पढ़िए- ================ अमावस की रात थी और मैं काफ़ी देर तक खिड़की की देहरी पर बैठा बारिश देख रहा था, रह-रहकर सामने नीम के पेड़ से उल्लू की बोली सुनायी पड़ रही थी। जैसे ही बारिश तेज़ होती, सामने …
Read More »युवा कवि अमित गुप्ता की कविताएँ
आज युवा कवि अमित गुप्ता की कविताएँ पढ़िए। हिंदी के सबसे सुदर्शन कवियों में एक अमित गुप्ता का एक कविता संग्रह ‘रात के उस पार’ प्रकाशित है। उनके कुर्ते के कलेक्शन को देख देख कर मैं प्रभावित होता रहता हूँ। उनकी छोटी छोटी कविताओं में से भी कुछ प्रभावित करती …
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