यह युवा लेखिका अनुकृति उपाध्याय की स्पेन यात्रा के छोटे छोटे टुकड़े हैं। हर अंश में एक कहानी है। यात्राओं पर लिखने का अनुकृति उपाध्याय का अन्दाज़ मुझे सबसे जुदा लगता है। इन अंशों को पढ़ते हुए आपको भी ऐसा महसूस होगा। लेखिका का एक कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ प्रकाशित …
Read More »जीवन जिसमें राग भी है और विराग भी, हर्ष और विषाद भी, आरोह और अवरोह भी
अनुकृति उपाध्याय के कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ को जिसने भी पढ़ा उसी ने उसको अलग पाया, उनकी कहानियों में एक ताज़गी पाई। कवयित्री स्मिता सिन्हा की यह समीक्षा पढ़िए- मॉडरेटर ================ कुछ कहानियां अपने कहे से कहीं कुछ ज़्यादा कह जाती हैं । कुछ कहानियां जो निचोड़ ले जाती हैं …
Read More »जापानी लोक कथा ‘अमरता के इच्छुक सेंटारो की कथा’
अपने पहले ही कहानी संकलन ‘जापानी सराय’ से प्रभावित करने वाली युवा लेखिका अनुकृति उपाध्याय ने इस जापानी लोककथा का बहुत ही पठनीय और प्रवाहपूर्ण अनुवाद किया है- मॉडरेटर ============================== तो साहिबान, ये कहानी है पुराने जापान की, इसमें बातें हैं ज़मीन आसमान की, ज़िंदगी और मौत के सामान की। …
Read More »‘जापानी सराय’ और अनुभव का नया संसार
अनुकृति उपाध्याय के कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ की समीक्षा लिखी है डॉ. संजीव जैन ने. यह कहानी संग्रह ‘राजपाल एंड संज’ से प्रकाशित है- मॉडरेटर ================================= ‘सोचना, पुकारने से कदम भर ही दूर है’ (जापानी सराय और अनुकृति जी की अन्य कहानियां) यह किसी कहानी का शीर्षक नहीं है, यह …
Read More »कासनी पर्वत-रेखाओं पर तने सुनील आकाश
अनुकृति उपाध्याय का कहानी संग्रह ‘जापानी सराय’ अभी हाल में ही आया है राजपाल एंड संज प्रकाशन से, जिसकी कहानियां अपने कथन, परिवेश, भाषा से एक विशिष्ट लोक रचती है. अनुकृति के यात्रा वर्णनों की भी अपनी विशिष्टता है. उनके लेखन में परिवेश जिन्दा हो उठता है. यह यात्रा कुमाऊँ …
Read More »अनुकृति उपाध्याय लिखित वन-यात्रा वृत्तान्त ‘ताडोबा-अंधारी के वन’
युवा लेखिका अनुकृति उपाध्याय का कथा-संग्रह हाल में आया है ‘जापानी सराय‘, जिसकी कहानियां हिंदी की मूल प्रकृति से बहुत भिन्न किस्म की हैं. पशु-पक्षियों के प्रति करुणासिक्त कहानियां भी हैं इसमें. यह शायद कम लोग जानते हैं कि अनुकृति वाइल्ड लाइफ के क्षेत्र में काम करती हैं. उनकी हाल …
Read More »अनुकृति उपाध्याय के कथा संग्रह ‘जापानी सराय’ की भूमिका
अनुकृति उपाध्याय हिंदी कहानीकारों की जमात में नई हैं लेकिन उनकी कहानियां बहुत अलग तरह की हैं. उनका पहला कथा संग्रह राजपाल एंड संज से प्रकाशित हुआ है ‘जापानी सराय’. जिसकी भूमिका लिखी है सुप्रसिद्ध कथाकार हृषिकेश सुलभ ने. फिलहाल आप भूमिका पढ़िए- मॉडरेटर ========= समकालीन हिन्दी कहानी का परिदृश्य …
Read More »मैं अब कौवा नहीं, मेरा नाम अब कोयल है!
युवा लेखिका अनुकृति उपाध्याय उन चंद समकालीन लेखकों में हैं जिनकी रचनाओं में पशु, पक्षी प्रकृति सहज भाव से उपस्थित रहते हैं. यह उनकी ताज़ा रचना है मौसम और परिस्थिति के अनुकूल- मॉडरेटर ============ पतझड़ बनाम वसंत मेरी खिड़की पर अक़्सर एक कौवा आ बैठता है। बड़बोला है, कर्कश भी। …
Read More »अनुकृति उपाध्याय की कविता ‘अभी ठहरो’
मीटू अभियान से प्रेरित यह कविता युवा लेखिका अनुकृति उपाध्याय ने लिखी है. आपके लिए- मॉडरेटर ========= अभी ठहरो अभी ठहरो अभी हमने उठाए ही हैं कुदालें, कोंचने , फावड़े हमें तोड़ने हैं अभी कई अवरोध ढहाने हैं मठ और क़िले विस्फोटों से हिलाने हैं पहाड़-सरीख़े वजूद तुम्हारे पैरों-तले की …
Read More »अनुकृति उपाध्याय की कविता ‘अंधे’
कविता अपनी लक्षणा-व्यंजना के कारण महत्वपूर्ण बन जाती है, प्रासंगिक बन जाती है। हिन्दी अँग्रेजी दोनों भाषाओं में समान रूप से लेखन करने वाली अनुकृति उपाध्याय की यह कविता अच्छा उदाहरण है। किताबों के बहाने समकालीन राजनीति पर बहुत कुछ कह जाती है। अनुकृति की एक कहानी अभी ‘हंस’ में …
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